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सीमा कुमारी 

नई दिल्ली: ‘मासिक दुर्गा अष्टमी’ (Masik Durga Ashtami) व्रत मां दुर्गा को समर्पित है। सनातन धर्म में दुर्गाष्‍टमी हर महीने मनाई जाती है, जिसे ‘मासिक दुर्गाष्‍टमी’ कहते है। इस महीने यह पवित्र व्रत 6 सितंबर, बुधवार था । दुर्गा अष्टमी को मासिक दुर्गा अष्टमी या मास दुर्गा अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। लोग अपने मनोवांछित फल को प्राप्त करने के उद्देश्य से जैसे की जीवन में चल रही किसी समस्या के समाधान के लिए या किसी भी दुःख का निवारण करने के लिए माँ दुर्गा अष्टमी का पूजन करते है। इस दिन भक्त दिव्य आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए सख्त उपवास रखते हैं। हिन्दू धर्म के अनुयायियों के लिए दुर्गा अष्टमी व्रत एक महत्वपूर्ण आराधना है।  

आइए जानें ‘मासिक दुर्गाष्टमी’ का शुभ मुहूर्त और इसकी महिमा-

शुभ मुहूर्त

कृष्ण पक्ष अष्टमी (कृष्ण जन्माष्टमी)

गुरुवार, 7 सितम्बर 2023

अष्टमी तिथि आरंभ: 6 सितंबर 2023 दोपहर 3:38 बजे

अष्टमी समाप्ति तिथि: 7 सितंबर 2023 शाम 4:14 बजे

मासिक दुर्गाष्टमी के दिन ऐसे करें पूजा

मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत रखें। इसके लिए सुबह जल्दी उठकर घर और पूजा स्थल की सफाई करें। स्नान करके साफ कपड़े पहनें। मां दुर्गा का स्मरण करके व्रत का संकल्प लें। फिर शुभ मुहूर्त में मां दुर्गा की विधि-विधान से पूजा करें। इसके लिए मां दुर्गा की मूर्ति या तस्वीर के सामने दीप जलाएं। उन्हें लाल फूल, अक्षत, कुमकुम, मौली, लौंग, कपूर आदि अर्पित करते हुए विधि पूर्वक पूजन करें। मां दुर्गा को पान, सुपारी, इलायची, फल और दूध से बनी मिठाई चढ़ाएं। लाल चुनरी, श्रृंगार का सामान अर्पित करें। मंत्र जाप करें। फिर दुर्गा चालीसा का पाठ करें। ऐसा करने से देवी मां प्रसन्न  होती है और मनचाहा फल प्रदान करती है।





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