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सीमा कुमारी

नई दिल्ली: हिन्दू धर्म में ‘दही हांडी’ (Dahi Handi) महोत्सव का बड़ा महत्व है। यह पर्व ‘कृष्ण जन्माष्टमी’ (Shri Krishna Janmashtami) के अगले दिन, यानी दूसरे दिन मनाया जाता है। इस साल ‘कृष्ण जन्माष्टमी’ का महापर्व 6 सितंबर 2023 को है। ‘कृष्ण जन्माष्टमी’ के एक दिन बाद यानी भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि को ‘दही-हांडी’ उत्सव का आयोजन किया जाता है।

इस उत्सव के दौरान मिट्टी के बर्तन में दही भरकर ऊपर रस्सी पर लटका दिया जाता है। वहीं गोविंदाओं को टोली पिरामिड बनाकर ऊंचाई पर लटकी हांडी को तोड़ते हैं। ‘दही-हांडी’ मुख्य रूप से महाराष्ट्र और गुजरात का पर्व है, लेकिन अब इसे पूरे भारत में जोर-शोर से मनाया जाने लगा है। आइए जानें इस वर्ष जन्माष्टमी कब है और किस दिन फोड़ी जाएगी ‘दही-हांडी’-

शुभ मुहूर्त

इस वर्ष जन्माष्टमी 6 सितंबर के दिन मनाई जा रही है, लेकिन दही-हांडी जन्माष्टमी के अगले दिन, यानी 7 सितंबर के दिन फोड़ी जाएगी। इसी दिन दही हांडी उत्सव की उमंग देखने को मिलेगी। दही-हांडी उत्सव का शुभ मुहूर्त सुबह से शाम तक के बीच माना जाता है। इस बीच हांडी फोड़ना बेहद शुभ मानते हैं।  

क्यों मनाया जाता है ‘दही-हांडी’ उत्सव

भगवान श्री कृष्ण की बाल लीला की कथाओं में माखन चुराकर खाने की कथा भी बहुत प्रचलित है। भगवान श्री कृष्ण अपने बाल सखाओं के साथ आस-पड़ोस के घरों में जाकर दही और माखन चोरी करके खाते थे। चोरी होने के डर से सभी गोपियों ने दही और माखन की हांडी को घरों की छत पर लटकाना शुरू कर दिया। लेकिन श्री कृष्ण और उनके सभी सखा मानव श्रृंखला बनाकर हांडी तक पहुंच जाते थे और चाव से माखन खाते थे। सबसे ऊपर श्री कृष्ण रहते। तब से श्री कृष्ण की इस लीला को ‘दही-हांडी’ उत्सव के रूप में मनाया जाने लगा।



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