दोस्तों पाकिस्तानी के बारे में एक कहावत है की जो हाथ उन्हें खिलाता है , ये उसी को काट लेते हैं । और ये हम नहीं खुद पाकिस्तानी पत्रकार भी कहते हैं। कुछ ऐसा हाल शोएब अख्तर का भी है। भारत में उन्हें बहुत प्यार मिला, दुलार मिला और साथ ही पैसा भी खूब कमाया। लेकिन कारगिल की जंग में वो खुद दो बार लड़ने पहुंच गए थे ।
कल कारगिल विजय दिवस भारत में मनाया गया 23 साल पहले भारतीय सेना ने करगिल युद्ध में पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया था।
कारगिल की जंग 60 दिन से ज्यादा चली थी। इस जंग में भारत के लगभग ५२७ जवान शहीद हो गए थे ।
इस जंग पर ज़ुबानी जंग भी कम नहीं हुई । चाहे वो नेता हो अभिनेता हो या खिलाडी हो । अब एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में शोएब अख्तर (Shoaib Akhtar ) ने कहा कि वो काउंटी क्रिकेट छोड़ कारगिल युद्ध में भाग लेने वापस आ गए थे । लेकिन उन्हें रोक लिया गया ।

अख्तर ने कहा, ‘मैं लाहौर में आकर खड़ा हो गया था. हाजी जनरल मेरे साथ आए कहा कि तू यहां क्या कर रहा है. मैंने कहा कि जंग शुरू होने वाली है. मरेंगे तो साथ ही मरेंगे । ‘
इतना ही नहीं उन्होंने आगे बताया कि कश्मीर में अपने दोस्तों से उन्होंगे कहा कि “हथियार तैयार रखो मैं आ रहा हूँ “

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