Mahashivratri 2023: महाशिवरात्रि पर बरसेगी भोलेनाथ की कृपा: भगवान शिव का नाम ही है भोले शंकर वह अपने सभी भक्तों पर समान रूप से कृपा करते हैं और उनकी रक्षा के लिए सदैव खड़े रहते हैं फिर चाहे वह देव हों या राक्षस अथवा मानव. उनकी कृपा का फल समान रूप से सबको प्राप्त होता है. भगवान शिव एक ऐसे देव हैं, जो बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं इसी कारण उन्हें आशुतोष भी कहा गया है |
गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा लिखित राम चरित मानस के उत्तर कांड में कागभुशुंडि के गुरु लोमश ऋषि ने सुंडि में भोलेनाथ की स्तुति में रुद्राष्टकम गाया, जिसमें कहा गया ‘न जानामि योगं जपं नैव पूजां, नतोSहं सदा सर्वदा शंभु तुभ्यं। जरा जन्म दुःखोद्य तातप्यमानं, प्रभो पाहि आपन्नमामीश शंभो।।’ अर्थात न तो मैं योग जानता हूं, न जप और न ही पूजा, हे शंभो मैं तो सदा सर्वदा आपको नमस्कार करता हूं, हे प्रभु बुढ़ापे और जन्म-मृत्यु के दुखों के ताप से जलते हुए मुझ दुखी की दुखों से रक्षा करें. हे शंभू मैं आपको नमस्कार करता हूं |
शिवरात्रि के दिन जो भक्त भगवान शिव की आराधना करता है, भोले शंकर उसके सभी दुखों को हरकर उसे सुख प्रसन्नता और आर्थिक समृद्धि प्रदान करते हैं कहते हैं शिवरात्रि के मौके पर किया गया रुद्राभिषेक, जप, पूजा और पाठ का फल चार पहर की पूजा के बराबर प्राप्त होता है. यूं तो पूरे वर्ष में बारह शिवरात्रि होती हैं, यानी हर माह में शिवतेरस के दिन मासिक शिवरात्रि होती है, किंतु फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को होने वाली महाशिवरात्रि का इन सबसे अलग हटकर विशेष महत्व होता है. माना जाता है कि इस दिन भोले भंडारी पृथ्वी पर जहां कहीं भी शिवलिंग हैं, उनमें वास करते हैं. इस बार शिवरात्रि का पर्व 18 फरवरी शनिवार को होगा ||