Joshimath Sinking: सिसकते लोगों ने बताई जोशीमठ मे तबाही की वजह: उत्तराखंड के जोशीमठ (Joshimath) में स्थिति हर दिन और ज्यादा खराब होती जा रही है। अब दरारें पहले से भी ज्यादा भयावह रूप लेती जा रही हैं जो दरारें पहले महज दो इंच की थीं वो बढ़कर अब 8-9 इंच की हो गई हैं। दो होटलों (मलारी इन और माउंटेन व्यू) के गिरने की भी आशंका जताई गई है. माना जा रहा है कि अगले हफ्ते तक दोनों होटल गिर जाएंगे. लोगों को अतिसंवेदनशील जगहों से सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट किया जा रहा है।
वहीं,अब स्थानीय लोगों ने भू-धंसाव के पीछे का कारण बताया है। उनका आरोप है कि एनटीपीसी (NTPC) की सुंरग में जिस तरह ब्लास्ट किए जाते हैं, वो भी जमीन धंसने की एक बड़ी वजह हो सकती है. बता दे की वहाँ एक टनल बन रहा है जो की 12 किलोमीटर लंबी हैं, ये निर्माणाधीन सुरंग सेलग नाम की जगह से शुरू होती है जो तपोवन तक जाएगी अभी सिर्फ 8 किलोमीटर तक काम हो पाया है,
एनटीपीसी (NTPC) ने लिखित में जवाब देते हुए कहा है कि यह सुरंग टनल बोरिंग मशीन के जरिये बनाई गई है. यहां कोई भी ब्लास्ट नहीं किया गया है फिलहाल इस टनल का निर्माण कार्य पूरी तरह से रोक दिया गया है। अब इस टनल को लेकर कई सवाल उठने लगे हैं. एनटीपीसी (NTPC) ने कहा है कि यहां किसी तरह का ब्लास्ट नहीं किया गया है और दिल्ली मेट्रो की तर्ज पर यहां काम किया गया है।
स्थानीय लोगों में पहले से ज्यादा दहशत बढ़ गई है। 6 जनवरी को यहां सिंहधार वार्ड में मां भगवती का मंदिर भी ढह गया था. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी जोशीमठ अति संवेदनशील (डेंजर जोन) वाले क्षेत्रों में बने भवनों को तत्काल खाली कराने के निर्देश दिए थे अधिकारियों को जोशीमठ के जोखिम वाले घरों में रहने वाले लगभग 600 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने के लिए कहा गया है।।
ये पोस्ट Khabar Har Ghante के लिए Ishita Singh ने लिखी है।