यूपी के अंतरराज्यीय सीमाओं पर बनेंगे अस्पताल, मिलेगी बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में अंतरराज्यीय सीमाओं (Interstate Borders) पर 50 से 100 बेड के अस्पताल बनेंगे। यह प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath Government) की रोगियों को घर के पास इलाज उपलब्ध कराने की कवायद है. इन अस्पतालों में मरीजों को मुफ्त इलाज (Free treatment) मिलेगा. यूपी के ऐसे सीमावर्ती जिले जिनमें इलाज के संसाधन कम हैं वहां ये अस्पताल बनेंगे. इन अस्पतालों की संख्या, संसाधन व दूसरे मानकों का खाका तैयार किया जा रहा है. बीमारी के हिसाब से अस्पतालों में संसाधन जुटाए जायेंगे. वहीं जरूरत के हिसाब से दवाएं, विशेषज्ञ और उपकरण भी स्थापित किये जायेंगे।
तराई इलाकों में मच्छर जनित बीमारियों का प्रकोप रहता है, लिहाजा वहां डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया से निपटने के संसाधनों पर अधिक जोर होगा. इसी तरह संक्रामक रोग, गॉल ब्लेडर में पथरी व दूसरी गंभीर बीमारियों का इलाज भी इन अस्पतालों में होगा. सड़क दुघर्टना की दशा में घायलों के प्राथमिक स्तर का इलाज भी इन अस्पतालों में होगा। पैथोलॉजी, रेडियोलॉजी, मेडिसिन, हड्डी, सर्जरी समेत दूसरे विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती की जाएगी।
इस व्यवस्था से छोटी बीमारियों के लिए मरीजों को शहर के बड़े अस्पतालों तक दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। इससे बड़े अस्पतालों में छोटी बीमारियों से पीड़ितों की संख्या में कमी आएगी, गंभीर रोगियों को बेहतर इलाज भी मिल सकेगा।
बता दें कि यूपी में दूसरी बार बीजेपी की सरकार बनने के बाद स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने का दावा किया जा रहा है. बावजूद इसके कई बार समय पर उचित इलाज नहीं मिलने से लोगों की जान चली जाती है. कई बार इलाज के अभाव में मरीज दर दर भटकते पाए गए हैं। घर के पास प्राथमिक उपचार की सुविधा होने से कई लोगों की जान बचाई जा सकती है।।
ये पोस्ट Khabar Har Ghante के लिए Ishita Singh ने लिखी है।