रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के बयान के बाद पाकिस्तान की नींद उड़ गई है । दरअसल, रविवार को जम्मू में आयोजित कारगिल विजय दिवस समारोह में शिरकत करने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जम्मू पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने बड़ा बयान देते हुए कहा- “PoK भारत का हिस्सा था, है और रहेगा। इस पर बुरी नजर डालने वाला कोई भी हो भारत उसे मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है। संसद में इस बारे में सर्वसम्मत प्रस्ताव भी पारित है।“ रक्षा मंत्री ने भरोसा जताया कि अगर कोई युद्ध हुआ तो भारत उसमें विजयी बनकर निकलेगा।
PoK पर पाकिस्तान का अनधिकृत क़ब्ज़ा है। भारत की संसद में इसे मुक्त कराने का एक सर्वसम्मत प्रस्ताव भी पारित है। शिव के स्वरूप बाबा अमरनाथ हमारे पास हैं, पर शक्ति स्वरूपा शारदा जी का धाम अभी LoC के उस पार ही है: रक्षा मंत्री
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) July 24, 2022
राजनाथ सिंह की तरफ से PoK पर इतना बड़ा बयान आना बड़ी बात है। परंतु ऐसा पहली बार तो नहीं है जब सरकार के किसी शीर्ष नेता की तरफ से पीओके को लेकर इस तरह की बयानबाजी की गयी हो। 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 निरस्त करते समय पीओके पर लोकसभा में दिए गए उस बयान को याद कीजिए, जब गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि “PoK के लिए हम अपनी जान भी देने के लिए तैयार हैं।”
इन बयानों के माध्यम से सरकार यह स्पष्ट कर चुकी है कि मोदी सरकार के लिए PoK कितनी अहमियत रखता है। अब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा दिया गया ताजा बयान को लेकर एक बार फिर प्रश्न उठ रहे हैं कि क्या मोदी सरकार PoK को भारत में आधिकारिक रूप से शामिल कराने की दिशा में कोई बड़ा कदम उठाने की तैयारी में है? क्या अंदर ही अंदर सरकार द्वारा इसके लिए कोई रणनीति या कूटनीति बना रही है? रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बयान तो इसी ओर इशारा करते हैं।
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