atal vihari vajpayee
atal vihari vajpayee

दोस्तों कल कारगिल दिवस (Kargil vijay diwas) था, पाकिस्तान के दिल पर छुरियां चल रही होंगी । उधर पाकिस्तानी पत्रकार भी अब खुल के इस पर बात कर रहे हैं और बहुत सी बातें खुल के सामने आ रही है ।

आज पाकिस्तान की हालत इतनी ख़राब है कि उसको अपना भूतकाल कि गलतियां याद आ रही है । कहीं न कही वो मान रहा है कि आतंक कि राह पर चल कर आतंक को सपोर्ट कर उसने अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारी है । उसी में से सबसे बड़ी गलती कारगिल युद्ध है । एक तरफ उस समय भारत दोस्ती का हाथ बढ़ा रहा था और पाकिस्तान पीठ पीछे खंजर भोंकने की तैयारी कर रहा था ।

atal vihari vajpayee
atal vihari vajpayee

हमारे अटल बिहारी बाजपेयी जैसा नेता जिसके विश्वास की पाकिस्तान ने धज्जियाँ उड़ा दी। कारगिल तो हार गया लेकिन अपना वजूद दुनिया के सामने पाकिस्तान ने खो दिया। भारत में आतंकी भेज पाकिस्तान ने हमेशा भारत के धैर्य कि परीक्षा ली है। २६/११ का हमला जिसमे पाकिस्तानी जो आये थे उसको पहचानने से मना कर दिया लेकिन शेखचिल्ली आज हुकूमत कि बड़ाई में इस कदर खो गया कि सच ज़ुबान तक आ गया। उधर IMF की मार पड़ी तो मरा घोषित आतंकी फिर ज़िंदा होकर जेल चला जाता है।

Tashi Namgyan kargil hero
Tashi Namgyan kargil hero

दुनिया में आप ही बताइये ऐसा कोई मुल्क है जो इस तरह कि निर्लज़्ज़ाता दिखाता है । अब कारगिल कि बात हुई है तो एक किस्सा आपको बताते हैं । ये बात 2 मई 1999 की है. ताशी नामग्याल (Tashi Namgyal) नाम का एक चरवाहा (Shepherd) अपने याक (Yak) को ढूंढ रहा था. उसका नया नवेला याक कहीं खो गया था. इस याक को ढूढते हुए वो कारगिल (Kargil) की पहाड़ियों पर जा पहुंचे जहां उन्होंने पाकिस्तानी (Pakistan) घुसपैठियों को देखा. वो अपने याक को पहाड़ियों पर चढ़कर देख रहे थे जब उन्हें पाकिस्तानी घुसपैठिए भी दिखाई दिए. उन्होंने अगले दिन जाकर इस बात की जानकारी सेना (Indian Army) को दी. कहा जाता है कि उन्होंने याक के साथ पाकिस्तानी घुसपैठियों को देखने वाली घटना को कारगिल युद्ध (Kargil War) की पहली घटना माना जाता है.

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